भोपाल
मध्य प्रदेश डीजीपी ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद मंत्री विजय शाह मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनी एसआईटी में इकलौती महिला IPS अधिकारी वाहिनी सिंह को शामिल किया गया है। वाहिनी सिंह की गिनती मध्य प्रदेश में तेजतर्रार अधिकारी के रूप में होती है। अभी वह डिंडोरी जिले में एसपी हैं।
कौन हैं आईपीएस अफसर वाहिनी सिंह
वाहिनी सिंह 2014 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। 2013 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास की थी। पहले ही अटेम्पट में वाहिनी सिंह को 173वीं रैंक आई थी। एक इंटरव्यू के दौरान वाहिनी सिंह ने कहा था कि इसकी उम्मीद मुझे नहीं थी। वाहिनी ने ग्रेजुएशन बॉयोटेक में किया है। इसके बाद फायनेंस में एमबीए किया है। उनका जन्म 19 मार्च 1988 में हुआ था।
बचपन में बनना चाहता था डॉक्टर
आईपीएस वाहिनी सिंह ने कहा था कि ऐसा नहीं था कि मैं शुरू से ही आईएएस या आईपीएस बनना चाहती थी। बचपन में मैं डॉक्टर बनना चाहती थी, फिर पायलट बनने की भी चाहत हुई। साथ ही लगता था कि मैं अच्छे से पढ़ाई कर विदेश में जाकर नौकरी करूं। मेरे पिता राजस्थान स्टेट सर्विस के अधिकारी हैं। उनका सम्मान मैंने लोगों में देखा है। इसके बाद मेरे मन में यह जरूर था कि मैं एक दिन परीक्षा दूंगी। पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद ही मैंने यूपीएससी देने का मन बनाया। इसके बाद दिल्ली जाकर तैयारी शुरू कर दी।
चयन के बाद मिला पंजाब कैडर
वहीं, आईपीएस बनने के बाद वाहिनी सिंह को पंजाब कैडर मिला था। उन्होंने कुछ दिनों तक पंजाब में काम भी किया। दिसंबर 2015 में शादी के नाम पर वाहिनी सिंह का कैडर ट्रांसफर हो गया। इसके बाद वह एमपी कैडर की आईपीएस अधिकारी बन गईं। वाहिनी सिंह ने कुछ साल पहले एक इंटरव्यू में कहा था कि यह जॉब नाइन टू फाइव की नहीं है। हमेशा चुनौती भरा काम रहता है।
पति भी हैं आईपीएस अफसर
डिंडोरी एसपी वाहिनी सिंह की शादी मध्य प्रदेश में हुई है। उनके पति आईपीएस नागेंद्र सिंह हैं। नागेंद्र सिंह 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। अभी वह बालाघाट के एसपी हैं। डिंडोरी और बालाघाट आसपास ही हैं।
पति के कारण पड़ चुकी है डांट
वहीं, आईपीएस वाहिनी सिंह को कुछ साल पहले तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान से पति के कारण डांट पड़ चुकी है। तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान सभी कलेक्टर्स और एसपी की मीटिंग ले रहे थे। उस समय वाहिनी सिंह निवाड़ी की एसपी थीं और उनके पति नागेंद्र सिंह भिंड एसपी थे। तब शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि आपके लाइफ पार्टनर आपके सरकारी काम में इंटरफियर करते हैं। नागेंद्र सिंह पर रेत माफिया से सांठगांठ के आरोप लगे थे। हालांकि फटकार की बात पर वाहिनी सिंह ने चुप्पी साथ ली थी।
वाहिनी सिंह ने एक इंटरव्यू में कहा था कि मुझे हसबैंड से बहुत सपोर्ट मिलता है। डिंडोरी में एसपी रहते हुए उन्होंने एक अलग मिसाल पेश की है। वाहिनी सिंह सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को जागरूक भी करती हैं। साथ ही उन्हें मोटिवेट करती हैं।
8 दिन में सौंपना होगी जांच रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी को 28 मई तक जांच करने के आदेश दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने शाह को गिरफ्तारी से राहत देते हुए जांच में सहयोग करने के लिए भी कहा है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने विजय शाह को फटकार लगाई है. कोर्ट ने सरकार और पुलिस की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए. कोर्ट ने कहा कि एफआईआर के बाद आपने क्या किया? जांच कहां पहुंची? पीठ ने कहा कि राज्य सरकार को कुछ और ठोस कदम उठाने चाहिए थे.
इस बयान से बढ़ीं विजय शाह की मुश्किलें
मंत्री विजय शाह की मुश्किलें 11 मई को उनके द्वारा दिए गए बयान से बढ़ी हैं. उन्होंने महू के रायकुंडा गांव में एक कार्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर मंच से बयान दिया था. उन्होंने नाम लिए बिना कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकियों की बहन बता दिया था. उन्होंने कहा था कि, उन्होंने कपड़े उतार-उतार कर हिंदुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी तैसी करने उनके घर भेजा.”
हाई कोर्ट ने लिया था संज्ञान
मंत्री का वीडियो वायरल हुआ तो जबलपुर हाईकोर्ट ने इस पर स्वतः संज्ञान लिया. हाईकोर्ट ने 14 मई को 4 घंटे में मंत्री के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश दिए. हालांकि मामले में FIR तो दर्ज हुई, लेकिन हाईकोर्ट ने FIR को खाना पूर्ति बताया था. हाईकोर्ट ने कहा था कि अब इस मामले में कोर्ट ही पुलिस जांच की निगरानी करेगी. हाईकोर्ट ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी कैविएट दायर की है. यानी आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के मामले को भी सुना जाएगा.
विजय शाह मामले में कब क्या हुआ
11 मई को मंत्री विजय शाह, महू के रायकुंडा गांव पहुंचे और यहां एक कार्यक्रम में कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित बयान दिया. बयान में मंत्री ने कर्नल सोफिया को अतंकियों की बहन बता दिया.
13 मई को मंत्री का विवादित बयान वाला वीडियो वायरल होने के बाद मामला गरमाता देख मंत्री विजय शाह ने बयान को लेकर माफी मांगी.
13 मई को वायरल वीडियो बीजेपी नेताओं तक पहुंचा. इसको लेकर पार्टी संगठन ने मंत्री विजय शाह को कड़ी फटकार लगाई. शाम 7 बजे मंत्री विजय शाह बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से मिलने उनके बंगले पर पहुंचे.
14 मई को कांग्रेस नेताओं ने इसको लेकर विरोध जताया. कांग्रेस ने बीजेपी से मंत्री पर मामला दर्ज कराने और बर्खास्त करने की मांग की.
14 मई को मंत्री विजय शाह के विवादित बयान को लेकर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए 4 घंटे में FIR दर्ज करने के आदेश दिए.
14 मई की रात करीबन सवा 11 बजे इंदौर के मानपुर थाने में विजय शाह के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया.
15 मई को मंत्री की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई. सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें फटकार मिली. उधर जबलपुर हाईकोर्ट ने दर्ज की गई एफआईआर पर कड़ी नाराजगी जताते हुए इसे कमजोर और असंतोषजनक बताया. कोर्ट ने अपने आदेश को एफआईआर में शामिल करने और उसके हिसाब से जांच करने का आदेश दिया.