अमृतसर
सिखों के पवित्र स्थल स्वर्ण मंदिर के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी रघबीर सिंह ने लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डी कुन्हा के उस दावे को खारिज किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि गोल्डन टेंपल के ऊपर एयर डिफेंस गन्स तैनात की गई थीं। उनका कहना था कि इन गन्स को तैनात करने के लिए मंजूरी मुख्य ग्रंथी और मैनेजमेंट से ली गई थी। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान की ओर से स्वर्ण मंदिर को टारगेट किया गया था। उसके ड्रोन और मिसाइल हमलों से बचाने के लिए यह कदम उठाया गया था और फिर उसके हमलों को आसमान में ही नाकाम कर दिया गया। अब स्वर्ण मंदिर के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी रघबीर सिंह ने इस दावे को ही खारिज कर दिया है।
ज्ञानी रघबीर सिंह का कहना है कि जिस दौरान परमिशन लेने की बात कही जा रही है, उस समय वह देश में ही नहीं थे। उन्होंने सेना अधिकारी पर ही आरोप लगा दिया कि वह झूठ बोल रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने एसपीजीसी से डिमांड की है कि इस मामले में जांच कराई जाए। उनके अलावा अकाल तख्त के कार्य़वाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गारगज का भी कहना है कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है, जैसा दावा सेना के अधिकारी ने किया है। इसके अलावा एसजीपीसी चीफ का कहना है कि ऐसी कोई परमिशन नहीं ली गई और ना ही ऐसा कोई वाकया हुआ है।
इससे पहले सोमवार को भी एसजीपीसी ने कहा था कि पाकिस्तान या फिर भारत की सेना गोल्डन टेंपल पर अटैक के बारे में सोच भी नहीं सकते। संस्था का कहना था कि स्वर्ण मंदिर तो जीवन बख्शने वाली जगह है। वहां पर कोई सेना हमला करने के बारे में सोच भी नहीं सकती। बता दें कि सुमेर इवान डी कुन्हा भारतीय सेना के वायुरक्षा महानिदेशक हैं। उन्होंने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा था कि पूरा पाकिस्तान ही भारत की रेंज में है और भले ही पाकिस्तानी सेना अपना मुख्यालय कहीं भी स्थानांतरित कर ले। यदि भारत ने आक्रमण करना चाहा तो वह बच नहीं सकेंगे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना को ‘गहरा गड्ढा’ खोजना होगा, जिसमें छिपा जा सके।